Table of Contents
- 1 भारतीय संविधान की उद्देशिका/Preamble of the Constitution of India
- 2 जानें भारतीय संविधान की उद्देशिका के बारे में।
- 3 भारतीय संविधान की उद्देशिका
- 4 (Preamble of the Constitution of India)
- 5 Introduction
- 6 संविधान की उद्देशिका को संविधान की कुंजी कहा जाता है। भारतीय संविधान की उद्देशिका (Preamble of the Indian Constitution) भारत की संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। प्रस्तावना के अनुसार संविधान के अधीन समस्त शक्तियां का केंद्र बिंदु भारत के लोग (People of India) ही हैं। प्रस्तावना में लिखित शब्द हम भारत के लोग इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मसमर्पित करते हैं। इसमें समाजवादी (Socialist), पंथनिरपेक्ष (Secular) और राष्ट्र की एकता एंव अखंडता (Unity and Integrity of the Nation) शब्द 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम ( 42nd Constitution Amendment Act से जोड़े गए थे।
- 7 भारत का संविधान
- 8 उद्देशिका
- 9 निष्कर्ष:
- 10 भारतीय संविधान की उद्देशिका (Preamble of the Indian Constitution) में तीन प्रकार का न्याय- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तथा पांच प्रकार की स्वतंत्रता- विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म एवं उपासना तथा दो प्रकार की समानता- प्रतिष्ठा एवं अवसर का उल्लेख किया गया है।भारतीय संविधान में प्रस्तावना का विचार अमेरिका के संविधान से और प्रस्तावना की भाषा को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया है।
भारतीय संविधान की उद्देशिका/Preamble of the Constitution of India
जानें भारतीय संविधान की उद्देशिका के बारे में।
भारतीय संविधान की उद्देशिका
(Preamble of the Constitution of India)
Introduction
संविधान की उद्देशिका को संविधान की कुंजी कहा जाता है। भारतीय संविधान की उद्देशिका (Preamble of the Indian Constitution) भारत की संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। प्रस्तावना के अनुसार संविधान के अधीन समस्त शक्तियां का केंद्र बिंदु भारत के लोग (People of India) ही हैं। प्रस्तावना में लिखित शब्द हम भारत के लोग इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मसमर्पित करते हैं। इसमें समाजवादी (Socialist), पंथनिरपेक्ष (Secular) और राष्ट्र की एकता एंव अखंडता (Unity and Integrity of the Nation) शब्द 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम ( 42nd Constitution Amendment Act से जोड़े गए थे।
भारत का संविधान
उद्देशिका
हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व–संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को :
सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म
और उपासना की स्वतंत्रता
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिए,
तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और
राष्ट्र की एकता और अखंडता
सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए
दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
निष्कर्ष:
भारतीय संविधान की उद्देशिका (Preamble of the Indian Constitution) में तीन प्रकार का न्याय- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तथा पांच प्रकार की स्वतंत्रता- विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म एवं उपासना तथा दो प्रकार की समानता- प्रतिष्ठा एवं अवसर का उल्लेख किया गया है।भारतीय संविधान में प्रस्तावना का विचार अमेरिका के संविधान से और प्रस्तावना की भाषा को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया है।
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