भारत में विविधता के अनेक कारण हैं जिनमें अनेक प्रकार की भाषाएं, विभिन्न प्रकार का खाना तथा भिन्न भिन्न धर्मों का पालन करना हैं।
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भूमिका
भारत एक विविधताओँ का देश है। इसमें अनेक प्रकार की भाषाएं बोली जाती है। यहाँ विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाये जाते हैं। यहाँ के लोग विभिन्न प्रकार के खाना खाते हैं। यहाँ के लोग भिन्न भिन्न धर्मों का पालन करते हैं। लेकिन अगर हम ध्यान से देखें तो हमें पता चलता है की वास्तव में हम एक ही तरह की चीजें करते हैं, बस हमारे करने के तरीके अलग अलग है।
विविधता
- विविधता में खान-पान, पहनावा, धर्म और भाषा आदि विविधता के पहलू है। लेकिन गरीबी और अमीरी विविधता का रूप नहीं है, इसे गैर बराबरी व असमानता कहा जायेगा।
- किसी भी क्षेत्र की विविधता पर उसकी ऐतिहासिक और भौगोलिक कारकों का असर पड़ता है। इसी तरह हम भारत के दो भागो लद्दाख और केरल के उदाहरण के जरिए यह समझने की कोशिश करेंगे कि किसी क्षेत्र की विविधता पर उसके ऐतिहासिक और भौगोलिक कारकों का क्या असर पड़ता है :-
लद्दाख
- लद्दाख जम्मू कश्मीर के पूर्वी हिस्से में पहाड़ियों में बसा एक रेगिस्तानी इलाका है।
- यहाँ पर बारिश बिलकुल भी नहीं होती है इसलिए यहाँ पर बहुत कम खेती की जाती है।
- लद्दाख हर वर्ष लंबे समय तक बर्फ़ से ढका रहता है।
- यहाँ पर बहुत ही कम पेड़ उग पाते हैं, यहाँ तक की पीने का पानी के लिए भी गर्मी के महीने में पिघलने वाली बर्फ़ पर लोगों को निर्भर रहना पड़ता है।
- यहाँ के लोग एक खास किस्म की भेड़ को पालते हैं जिससे उनको पश्मीना ऊन मिलता है। यह ऊन बहुत कीमती है और बहुत महंगी भी होती है इसलिए लद्दाख के लोग बड़ी सावधानी से इसको इकट्ठा कर कश्मीर के व्यापारियों को बेच देते हैं।
- कश्मीर में ही पश्मीना शॉलो को बुना जाता है।
- यहाँ के लोग मक्खन,ची़ज, मांस इत्यादि खाते हैं और हर परिवार गाय, बकरी और याक जैसे पशुओं को पालते है।
- लद्दाख व्यापार के लिए एक अच्छा रास्ता माना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि लद्दाख के रास्ते ही बुद्धधर्म तिब्बत पहुंचा, लद्दाख को छोटा तिब्बत भी कहा जाता है।
तिब्बत का ग्रंथ केसर सागा लद्दाख में काफी प्रचलित है। इसे मुसलमान और बौद्ध दोनों ही गाते भी हैं और उस पर नाटक भी खेलते हैं।
केरल
- केरल भारत के दक्षिण पश्चिमी कोने में बसा हुआ एक राज्य है। यह एक ओर समुद्र से घिरा हुआ है तो दूसरी ओर पहाडियों से।
- सबसे पहले अरबी और यहूदी व्यापारी केरल आए थे।
- ऐसा भी माना जाता है कि ईसा मसीह के धर्म दूत संत थॉमस लगभग दो हजार साल पहले यहाँ आये थे।
- इन पहाड़ियों पर अनेक प्रकार के मसाले जैसे काली मिर्च, लॉन्ग ,इलायची आदि उगाए जाते हैं। इन मसालों के कारण ही प्राचीन काल से ही ये जगह व्यापारियों के लिए बहुत ही आकर्षक बनी रही।
- भारत में संत थामस को ही ईसाई धर्म लाने का श्रेय माना जाता है।
- पुर्तगाली यात्री वास्को डी गामा ने ही सबसे पहले समुद्री रास्ते भारत को खोजा था।
- केरल के लोग बहुत से धर्मों का पालन करते हैं जैसे इनमें यहूदी ,ईसाई, हिंदु, बौद्ध, इस्लाम आदि धर्म शामिल हैं।
- केरल में चीन के व्यापारी भी आए थे।यहाँ पर मछली पकड़ने के लिए जो जाल इस्तेमाल किया जाता है वे चीनी जालों से हूबहू मिलते हैं जिसे ‘चीना- वला’ कहते हैं।
- चीना चट्टी यह एक प्रकार का बर्तन है जिसे ये लोग तलने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं ।
- केरल की उपजाऊ जमीन और जलवायु चावल की खेती के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है यहाँ के अधिकतर लोग मछली, सब्जी, चावल खाते हैं।
निष्कर्ष
भारत में विविधता को उपयुक्त वर्णन से स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि केरल और लद्दाख की भौगोलिक स्थितियां एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। जहाँ केरल की भौगोलिक स्थिति मसालों और खेती के लिए संभव मानी जाती है, वहीं लद्दाख व्यापारियों को अपनी ओर खींचता है। इस तरह हमें पता चलता है कि किसी भी क्षेत्र के सांस्कृतिक जीवन का उसके इतिहास और भूगोल से प्राय गहरा रिश्ता होता है।
आज के इस लेख में हमने भारत की विविधता के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है, उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको अवश्य पसंद आया होगा।
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