इतिहास का अर्थ:–
इतिहास तीन शब्दों ‘इति–ह–आस’के मेल से बना है, जिसका अर्थ है ‘ऐसा वास्तव में हुआ’। इसके जनक हेरोडोटस है ।
- अंग्रेजी भाषा में इसे हिस्ट्री कहा जाता है। सर्वप्रथम इस शब्द का प्रयोग यूनान के प्रसिद्ध इतिहासकार हेरोडोटस ने अपनी पुस्तक हिस्टोरिका में किया।
- यह मनुष्य द्वारा अतीत में किए गए क्रियाकलापों का अध्ययन है। इतिहास तथ्यों एवं सत्य पर आधारित घटनाओं को हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है। इन्हीं तथ्यों को इतिहास के स्रोत कहा जाता है, जिनकी सहायता से इतिहासकार किसी भी क्षेत्र अथवा देश के इतिहास का लेखन करता है।
- इतिहास के द्वारा ही हम वर्तमान की आँखों से अतीत की घटनाओं को देख सकते हैं ,जो तथ्यों पर आधारित होती है।
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परिभाषाएं:-
- ई.एच.कार के अनुसार:-‘’इतिहास अतीत एवं वर्तमान के मध्य निरंतर चलने वाला संवाद है। इतिहासकार का मुख्य कार्य वर्तमान को समझने के लिये अतीत को कुंजी बनाना है।‘’
- कॉलिंगवुड के अनुसार:-‘’संपूर्ण इतिहास विचारधारा का इतिहास होता है।‘’
- रेनियर के अनुसार:-‘’इतिहास सभ्य समाज में रहने वाले मनुष्य के कार्यों एवं उपलब्धियों का उल्लेख होता है।‘’
- हेनरी पिरेन के मतानुसार:-‘’इतिहास समाज में रहने वाले मनुष्यों के कार्यों एवं उपलब्धियों की कहानी है।‘’
स्रोतों के आधार पर इतिहास के भाग
- प्रागैतिहासिक काल
- आद्य ऐतिहासिक काल
- .ऐतिहासिक काल
- प्रागैतिहासिक काल
- पाषाणकाल को प्रागैतिहासिक काल में रखा जाता है।
- इसमें कोई लिखित साक्ष्य उपलब्ध नहीं होता है
- इस काल का इतिहास पूर्णत उत्खनन में मिले पुरातत्विक साक्ष्यों पर निर्भर करता है।
- अभिलेख, सिक्के ,बर्तन, मूर्तियां तथा स्मारक आदि इस काल में मिले हैं।
- प्रागैतिहासिक काल 20,00,000 BC से 3000 BC तक माना जाता है।
- आद्य ऐतिहासिक काल:–
- इसका काल 3000 BC से 1500 BC तक माना जाता है।
- इस काल में लिपि तो मिली है पर उसे पढ़ने में सफलता नहीं मिली है।
- हड़प्पा और वैदिक संस्कृति की गणना आद्य ऐतिहासिक काल में की जाती है
- इस काल में ऐतिहासिक साक्ष्य मिले हैं।
3. ऐतिहासिक काल
- इस काल का इतिहास लिखित साक्ष्यों पर निर्भर करता है। यह काल 1500 BC से 1947 AD तक माना जाता है।
- इस काल में पुरातात्त्विक एवं साहित्यिक विवरण उपलब्ध हैं तथा लिपि पढ़ने में सफलता भी मिली है।
- ईसा पूर्व छठी शताब्दी से ऐतिहासिक काल प्रारंभ होता है।