ncert class 6 history में सामाजिक व राजनीतिक जीवन – 1 के chapter -3 (सरकार) के बारे में पढें।
Table of Contents
- 1 सरकार क्या है
- 2 किसी भी देश की शासन व्यवस्था चलाने के लिए एवं देश को विभिन्न निर्णय लेने के लिए एवं काम करने के लिए सरकार की जरूरत होती है। ये निर्णय कई विषयों से संबंधित होते हैं- चाहे वो सड़क व स्कूल कहां बनवाए जाने हों को लेकर हो या कोई चीज़ महंगी है, तो महंगी होने पर किसी चीज़ का दाम कैसे घटाया जाए या बिजली की आपूर्ति को कैसे बढ़ाया जाए। सरकार कई सामाजिक मुद्दों पर भी कार्रवाई करती है। इसके अलावा सरकार कुछ अन्य महत्वपूर्ण काम भी करती है जैसे – डाक और रेल सेवाएं चलाना।
- 3 सरकार के कार्य:-
- 4 सरकार के स्तर:-
- 5 सरकार एवं कानून
- 6 सरकार के प्रकार
- 7 1.लोकतांत्रिक सरकार
- 8 2.राजतंत्रीय सरकार:-
- 9 प्रतिनिधि लोकतंत्र
- 10 अमेरिका मेंऔरतों को वोट देने का अधिकार 1920 में मिला जबकि इंग्लैंड में औरतों को यह अधिकार 1928 में मिला।
सरकार क्या है
किसी भी देश की शासन व्यवस्था चलाने के लिए एवं देश को विभिन्न निर्णय लेने के लिए एवं काम करने के लिए सरकार की जरूरत होती है। ये निर्णय कई विषयों से संबंधित होते हैं- चाहे वो सड़क व स्कूल कहां बनवाए जाने हों को लेकर हो या कोई चीज़ महंगी है, तो महंगी होने पर किसी चीज़ का दाम कैसे घटाया जाए या बिजली की आपूर्ति को कैसे बढ़ाया जाए। सरकार कई सामाजिक मुद्दों पर भी कार्रवाई करती है। इसके अलावा सरकार कुछ अन्य महत्वपूर्ण काम भी करती है जैसे – डाक और रेल सेवाएं चलाना।
सरकार के कार्य:-
सरकार के द्वारा कीये जाने वाले कुछ कार्य निम्नलिखित हैं:-
- सरकार का काम देश की सीमा को सुरक्षित रखना एवं दूसरे देशों से शांतिपूर्ण संबंध बनाएं रखना है।
- सरकार की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना भी है कि देश के सभी नागरिकों को पर्याप्त भोजन और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।
- किसी भी प्रकार की प्राकृतिक विपदा जब लोगों को घेरती है जैसे सुनामी, भूकंप तो मुख्य रूप से सरकार ही पीड़ित लोगों की सहायता करती है।
- अगर कहीं कोई विवाद होता है या कोई अपराध किया जाता है तो लोग न्यायालय जाते हैं जोकी सरकार का ही एक अंग है ।
- सरकार डाक और रेल सेवाएं भी लोगों को प्रदान करती है।
- सामाजिक मुद्दों पर भी कार्रवाई करती है
- सरकार कानून बनाती है।
- सरकार लोगों के लिए नियम और कायदे-कानून बनाती है, जो देश में रहने वाले सभी लोगों पर एक समान लागू होते हैं।
सरकार के स्तर:-
क्या आप सब जानते हैं कि सरकार अलग-अलग स्तरों पर भी काम करती हैं:- स्थानीय स्तर पर, राज्य के स्तर पर एवं राष्ट्रीय स्तर पर।
सरकार की तीन स्तर निम्नलिखित हैं:-
1 स्थानीय स्तर:- स्थानीय स्तर से हमारा मतलब गांव, शहर और मोहल्ले में काम करने वाली सरकार से है।
2 राज्य-स्तर :- राज्यस्तर में हम पूरे राज्य के काम को देखते हैं। उदाहरण के लिए जैसे कि, हरियाणा की सरकार पूरे राज्य में काम करती है।
3 राष्ट्रीय स्तर:– राष्ट्रीय स्तर का संबंध पूरे देश से होता है, जिसमें कोई भी सरकार पूरे देश के लिए काम करती है।
सरकार एवं कानून
- सरकार कानून बनाने का काम करती है और देश में रहने वाले सभी लोगों को वे कानून मानने पड़ते हैं। केवल यही एक तरीका है जिससे सरकार काम कर सकती है।
- सरकार के पास जैसे कानून बनाने की ताकत होती है ठीक वैसे ही यह ताकत भी होती है कि लोगों को कानून मानने के लिए बाध्य करें। उदाहरण के लिए- अगर कोई बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाता है तो पकड़े जाने पर उसे जेल की सजा भी काटनी पड़ती है या फिर जुर्माना भी भरना पड़ता है।
- सरकार उन लोगों पर भी कार्रवाई करती है, जो कानून के अनुसार नियमों का पालन नहीं करते है।
सरकार के प्रकार
1.लोकतांत्रिक सरकार
- लोकतंत्र में सरकार को लोगों के द्वारा चुना जाता है।
- लोकतंत्र में लोग ही सरकार को ये शक्ति देते हैं। वे अपने वोट द्वारा अपनी पसंद के नेता को चुनते हैं, एक बार चुन लिए जाने के बाद यही लोग सरकार बनाते हैं।
- लोकतंत्र सरकार को अपने निर्णय और उठाए गए कदमों का आधार बताना होता है और सफाई भी देनी होती है।
2.राजतंत्रीय सरकार:-
- राजतंत्र सरकार में राजा या रानी के पास निर्णय लेने और सरकार चलाने की शक्ति होती है।
- राजतंत्र सरकार में राज्य के पास सलाहकारों का एक छोटा समूह होता है जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है और अंतिम निर्णय लेने की शक्ति राजा या रानी के पास ही होती है।
- राजतंत्र में राजा या रानी को अपने निर्णय के आधार नहीं बताने पड़ते और न ही अपने निर्णयों की सफाई देनी पड़ती है।
भारत में लोकतांत्रिक सरकार
- भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसमें लोगों के द्वारा सरकार का चुनाव होता है। लोकतंत्र की मुख्य बात यह होती है कि लोगों के पास अपने नेता को चुनने की शक्ति होती है। इसलिए एक अर्थ में लोकतंत्र लोगों का ही शासन होता है।
- लोकतंत्र का मूलभूत विचार यह है कि लोग नियमों को बनाने में भागीदार बन कर खुद ही शासन करें।
प्रतिनिधि लोकतंत्र
- आज के समय में लोकतांत्रिक सरकार को प्रतिनिधि लोकतंत्र कहते हैं। प्रतिनिधि लोकतंत्र में सरकार में लोग सीधे भाग नहीं लेते, बल्कि चुनाव की प्रक्रिया द्वारा अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं और यही प्रतिनिधि मिलकर सारी जनता के लिए निर्णय लेते हैं। आज के समय में कोई भी सरकार तब तक खुद को लोकतांत्रिक नहीं कह सकती, जब तक कि उस देश के सभी वयस्क नागरिको को वोट देने का अधिकार न हो।
शुरुआती दौर में हम देखते हैं कि कुछ गिने चुने लोगों को ही वोट देने का अधिकार था। सरकार केवल उन्हीं पुरूषों को वोट देने देती थी जो पढ़े लिखे थे और जिनके पास अपनी संपत्ति होती थी। इसका मतलब था कि औरतें, गरीबों और अशिक्षित को वोट देने का अधिकार तक नहीं था। तो इस विषय में गाँधी जी ने इस अन्यायपूर्ण व्यवहार का विरोध किया उन्होंने जोर-शोर से यह मांग उठाई। अपनी पत्रिका 1931 में यंग इंडिया पत्रिका में लिखते हुए गाँधी जी ने कहा था कि “मैं यह विचार सहन नहीं कर सकता कि जिस आदमी के पास संपत्ति है वह वोट दे सकता है। लेकिन वह आदमी जिसके पास चरित्र है पर संपत्ति या शिक्षा नहीं, वह वोट नहीं दे सकता क्योंकि उसने गरीब आदमी होने का गुनाह किया है……..।”
सफ्रेज मूवमेंट:–
यह आंदोलन महिलाओं के द्वारा मताधिकार के लिये चलाया गया था। महिलाओं द्वारा मताधिकार के लिए किये गए इस संघर्ष ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मजबूती पकड़ी इस आंदोलन को महिला मताधिकार आंदोलन भी कहते हैं और अंग्रेजी में इसे सफ्रेज मूवमेंट कहते हैं।सफ्रेज का मतलब होता है वोट देने का अधिकार।प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध में भाग लिया, जिससे उन्हें उनकी क्षमताओं के बारे में पता चला। जो उनके विषय में गलत रूढ़िवादी धारणाएं बनी हुई थी, महिलाओं ने इसको तोड़ने का काम किया। इस आंदोलन के दौरान महिला मताधिकार आंदोलन की साथियों ने आवाज उठाई कि उन्हें भी वोट डालने का अधिकार दिया जाये, उनकी आवाज सुनी जाए। इसके लिए उन्होंने जगह-जगह पर अपने आप को लोहे की जंजीरों से बांधकर प्रदर्शन किया। कई क्रांतिकारी महिलाओं को तो जेल भी जाना पड़ा और भूख हड़ताल पर भी बैठी।
अमेरिका मेंऔरतों को वोट देने का अधिकार 1920 में मिला जबकि इंग्लैंड में औरतों को यह अधिकार 1928 में मिला।
निष्कर्ष
उपयुक्त वर्णन से पता चलता है कि एक लोकतांत्रिक सरकार में सभी नागरिक स्त्री-पुरुष और गरीब-अमीर सभी के लिए समान कानून व्यवस्था का प्रावधान किया जाता है जबकि दूसरी ओर राजतंत्रीय शासन व्यवस्था में राजा या रानी के द्वारा शासन चलाया जाता है जिसमें कोई भी निर्धारित नियम कानून नहीं बने होते और इसमें ना ही किसी प्रकार की जवाबदेही होती है। जबकी लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार देश को एक उज्ज्वल भविष्य और प्रगतिशील न्यायपूर्ण कानून व्यवस्था देने के लिए नियम-कानून को र्निधारित करती है और देश के नागरिकों के लिए पूर्ण रूप से ज़वाबदेह होती है। अत: दोनों शासन व्यवस्थाों में तुलना करते हुए हम यह कह सकते हैं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था ही नागरिकों के कल्याणकारी हित में सर्वोच्च भूमिका निभाती है।
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