- ncert class 6 history में सामाजिक व राजनीतिक जीवन – 1 के chapter -5 (पंचायती राज ) के बारे में पढें।
पंचायती राज
पंचायती राज में हम यह देखेंगे की जब लोग अपना प्रतिनिधि चुन लेते हैं तो उसके बाद क्या होता है? ग्रामीण क्षेत्रों में चुने गए प्रतिनिधि द्वारा निर्णय कैसे लिए जाते हैं? यहाँ हम ग्रामसभा को देखेंगे जिसमें लोग प्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं और अपने प्रतिनिधियों से जवाब मांगते है।
ग्रामसभा
ग्राम सभा एक पंचायत के क्षेत्र में रहने वाले सभी वयस्कों की सभा होती है। कोई भी व्यक्ति, जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे ज्यादा हो, जिसे वोट देने का अधिकार प्राप्त हो और जिसका नाम गांव के मतदाता सूची में हो वह ग्राम सभा का सदस्य बन सकता है।
- ग्रामपंचायत गाव के लिए निष्पक्ष रूप से काम कर सकें इसमें ग्राम सभा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- ग्रामसभा पंचायत को मनमाने ढंग से काम करने पर रोक सकती है।
- ग्राम सभा की बैठक में ही ग्राम पंचायत अपनी योजनाओं को लोगों के सामने रखती है।
- पैसों का दुरुपयोग एवं कोई भी गलत काम न हो, इसकी निगरानी भी ग्राम सभा के द्वारा रखी जाती है।
- ग्राम सभा द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों पर नजर रखने के लिए और लोगों के प्रति उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका ग्राम सभा द्वारा निभाई जाती है।
ग्रामपंचायत
ग्राम पंचायत कई वार्डों (छोटे क्षेत्रों) में बंटी हुई होती है। प्रत्येक वार्ड अपना एक प्रतिनिधि चुनता है, जो वार्ड पंच के नाम से जाना जाता है ।इसकेसाथ पंचायत क्षेत्र के लोग (गांव के लोग) मिलकर मतदान करके गांव के मुखिया को चुनते हैं। जो पंचायत का मुखिया होता है, जिसे सरपंच कहा जाता है। वार्ड एवं सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन 5 साल के लिए करते हैं।
ग्राम सचिव
- ग्राम पंचायत का एक सचिव होता है।
- ग्राम सचिव का चुनाव नहीं होता है।
- इसकी नियुक्ति सरकार के द्वारा की जाती है।
- सचिव का काम ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठक बुलाना और जो भी चर्चा एवं निर्णय हुए हैं उसका रिकॉर्ड रखना होता है।
ग्राम पंचायत के काम
- ग्राम पंचायत गांव के विकास के लिए कार्यक्रम लागू करवाना।
- गांव में सड़कों, नालियों, स्कूलों, भवनों, पानी के स्त्रोतों व अन्य सार्वजनिक उपयोग के भवनों का निर्माण करवाना और उसका रखरखाव करना ग्राम पंचायत का काम होता है।
- ग्राम पंचायत का काम होता है स्थानीय कर लगाना और इसको इकट्ठा करना।
- गांव के लोगों को रोजगार देने संबंधी योजनाएं लागू करना।
- गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखना।
- सरकार के द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ गांव के लोगों तक पहुंचाना।
ग्राम पंचायत की आमदनी के स्रोत
- सरकारी विभागों द्वारा चलाई गई योजनाओं की राशि जो जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा आती है
- घरों एवं बाजार पर लगाए जाने वाले कर से।
- समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान।
पंचायत के तीन स्तर
- पंचायती राज
- पंचायत समिति
- जिला पंचायत
पंचायती राज
- पंचायती राज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोग अपनी सरकार में भाग लेते हैं।
- ये लोकतांत्रिक सरकार की पहली सीढ़ी होती है
- ग्राम पंचायत की ग्राम सभा के प्रति जवाबदेही होती है क्योंकि ग्राम सभा के लोग ही उसको चुनते हैं।
पंचायत समिति
- ग्राम पंचायत के बाद दूसरा स्तर विकास खंड का होता है जिसे जनपद पंचायत या पंचायत समिति कहते हैं।
- एक पंचायत समिति में कई ग्राम पंचायतें होती है।
- पंचायत समिति के ऊपर जिला पंचायत और जिला परिषद होती है।
जिला परिषद
- जिला परिषद पंचायत समिति के और जिला पंचायत के ऊपर होते हैं।
- जिला परिषद एक जिले के स्तर पर विकास की योजनाएं बनाती है।
- पंचायत समिति की मदद से जिला परिषद सभी पंचायतों से जमा राशि के वितरण की व्यवस्था करती है।
निष्कर्ष
उपरोक्त वर्णन के आधार पर हम कह सकते हैं की ग्राम पंचायत लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की प्रथम सीढ़ी होती है। यह गांव के लोगों के हित एवं सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने की एक निष्पक्ष सीढ़ी ग्राम पंचायत होती है।
और पढें : 1. https://www.competitionindia.com/ncert-class-6-history/
2. https://www.competitionindia.com/
हमने आपको ncert class 6 history में सामाजिक व राजनीतिक जीवन – 1 के chapter -5 (पंचायती राज) के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की है, उम्मीद है आपको यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।