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दहन और ज्वाला
Chapter – 4
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न
अभ्यास
प्रश्न 1. दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर – दहन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ – दहन उत्पन्न करने के लिए निम्नलिखित तीन आवश्यकताएँ हैं –
(i) ऑक्सीजन की उपस्थिति होनी चाहिए।
(ii) दाहन पदार्थ की उपस्थिति होनी चाहिए।
(iii) पदार्थ का निम्न ज्वलन ताप होनी चाहिए।
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का ……………….. होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ………………….. है।
(ग) जलना प्रारंभ होने से पहले ईंधन को उसके ………………….. तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ………………. द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर- (क) प्रदूषण
(ख) मिट्टी का तेल
(ग) ज्वलन-ताप
(घ) पानी।
प्रश्न 3. समझाइए कि मोटर वाहनों में सी० एन० जी० के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है ?
उत्तर – 1. सी. एन. जी. जलने पर पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, और नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जित करती है। यह गैसें वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं, इसलिए सी. एन. जी. के उपयोग से शहरों में प्रदूषण कम हुआ है।
2. सी. एन. जी. के उपयोग से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है, जो ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे शहरों का पर्यावरणीय संतुलन बेहतर बना रहता है।
प्रश्न 4. ईंधन के रूप में एल० पी० जी० और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर – एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17 kJ/g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।
प्रश्न 5. कारण बताइए-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
उत्तर – (क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु उस पदार्थ का उपयोग नहीं कर सकते, जो विद्युत् का सुचालक हो। इससे जान जाने का खतरा हो सकता है। जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए यह आग बुझाने हेतु उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इस उद्देश्य के लिए कार्बन टैट्रा क्लोराइड उपयोग में लाया जाता है।
(ख) एल० पी० जी० लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
उत्तर – एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।
(ग) कागज स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि एल्यूमीनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर – ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता, क्योंकि ऊष्मा ऐलुमिनियम में स्थानांतरण हो जाती है और कागज का ज्वलन ताप नहीं पहुँच पाता है।
प्रश्न 6. ईंधन से ऊष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर – किलोजूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg)।
प्रश्न 8. समझाइए कि CO₂किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है ?
उत्तर – CO₂ आग को नियंत्रित करती है क्योंकि यह हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देती है, जिससे आग बुझाने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन नहीं मिलती। साथ ही, CO₂ आग की लपटों को ठंडा करती है, जिससे तापमान घटता है और आग बुझ जाती है। CO₂ एक घनी गैस होने के कारण आग की लपटों को ढक कर उनका प्रसार भी रोकती है।
प्रश्न 9. हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है, परंतु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है. समझाइए।
उत्तर-हरी पत्तियों में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है और हरी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। परंतु सूखी पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है और सूखी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए सूखी पत्तियों के ढेर को आग आसानी से लग जाती है।
प्रश्न 10. सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों ?
उत्तर – स्वर्णकार सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए ज्वाला के बाहरी चमकीले नीले क्षेत्र का उपयोग करते हैं। यह क्षेत्र सबसे गर्म होता है और इसमें अधिक तापमान होता है, जिससे धातुएं जल्दी और समान रूप से पिघलती हैं। इसके अलावा, यह क्षेत्र ऑक्सीकरण का कम जोखिम भी प्रदान करता है, जिससे धातु की गुणवत्ता बनी रहती है।
प्रश्न 11. एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 1,80,000 kJ था। ईधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
उत्तर – ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
उत्पन्न ऊष्मा का माप = 1,80,000 kJ
द्रव्यमान
अब ईंधन का ज्वलन मान = ……………………
उत्पन्न ऊष्मा का मान
4.5
= ………………. kJ/kg
1,80,000
4.5
= ————-
1,80,000
1
= ———-
40,000
= 2.5 x 10-5 kJ/kg उत्तर
प्रश्न 12. क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है ? विवेचना कीजिए।
उत्तर – जंग लगने का प्रक्रम-जब लोहे को नमी युक्त वायु में रखा जाता है, तो यह जलीय आयरन ऑक्साइड की परत से ढक जाता है। यह प्रक्रम जंग लगना कहलाता है और परत को जंग कहते हैं। रासायनिक रंग, आयरन ऑक्साइड का जलीय रूप है अर्थात् Fe2O3, xH2O. यह भूरे लाल रंग का होता है।
पूर्ण समीकरण :
4Fe+3O2+3H2O → Fe2O3, + 2Fe (OH)3
Fe2O3 + xH2O → Fe2O3.xH2O
जंग लगना एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है, परन्तु धीमी गति से होने वाली अभिक्रिया है।
प्रश्न 13. आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा ?
उत्तर – रमेश का पानी कम समय में गर्म हो जाएगा, क्योंकि ज्वाला का सबसे बाहरी भाग सबसे अधिक गर्म होता है।
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