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दिल्ली के सुल्तान
Chapter – 3
अभ्यास के प्रश्न/ncert solutions class 7 history
प्रश्न 1.दिल्ली में पहले पहल किसने राजधानी स्थापित की?
उत्तर – दिल्ली में पहले पहले तोमर राजपूतों ने राजधानी स्थापित की।
प्रश्न 2. दिल्ली के सुल्तानों के शासनकाल में प्रशासन की भाषा क्या थी।
उत्तर– दिल्ली के सुलतानों के शासनकाल में प्रशासन की भाषा फ़ारसी थी ।
प्रश्न 3. किसके शासन के दौरान सल्तनत का सबसे अधिक विस्तार हुआ?
उत्तर– अलाउद्दीन कल जी और मोहम्मद तुगलक के शासन के दौरान सल्तनत का सबसे अधिक विस्तार हुआ ।
प्रश्न 4. इब्न बतूता किस देश से भारत में आया था?
उत्तर- इब्न बतूता मोरक्को, अफ्रीका से भारत में आया था ।
प्रश्न 5. न्याय चक्र के अनुसार सेनापतियों के लिए किसानों के हितों का ध्यान रखना क्यों जरूरी था?
उत्तर – 13वीं सदी के इतिहासकार फख्र– ए – मुदब्बिर ने निम्नलिखित कारणों से सेनापतियों के लिए किसानों के हितों का ध्यान रखने को कहा था, उन कारणों को इस चरणबद्ध तरीके से समझा जा सकता है-
- राजा का काम सैनिकों को बिना नहीं चल सकता।
- सैनिक बिना वेतन के कार्य नहीं कर सकता।
- सैनिकों को वेतन मिलता है राजस्व से ।
- राजस्व आता है किसानों से (कृषि पर मिलने वाले कर के रूप में)।
- इसलिए आवश्यक है किसान समृद्ध खुशहाल हो ताकि अपने राज्य के कर को अदा कर सकें और राजस्व से सैनिकों को वेतन मिल सके ।
प्रश्न 6. सल्तनत के भीतरी और बाहरी सीमा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- भीतरी सीमा:- सल्तनत काल में शासन की भीतरी क्षेत्रकीभीतरी सीमा कहा जाता था, इसकी कुछ विशेषताएं थीं जो इस प्रकार है- –
- गैरिसन शहरों की पृष्ठभूमि में स्थित भीतरी क्षेत्रों की स्थिति को मजबूत करना।
- इन अभियानों के दौरान जंगलों को साफ किया था।
- आरंभ में भीतरी प्रदेशों पर उनका नियंत्रण न के बराबर था।
- उनका शासन गैरिसनों की किलेबंदी तक ही सीमित रहता था ।
- आवश्यक सामग्री के लिये उनको व्यापार, कर और लूटमार पर निर्भर रहना होता था।
बाहरी सीमा –
- दूसरा विस्तार सल्तनत की बाहरी सीमा पर हुआ। शशी
- अलाउदीन खिलजी के समय बाहरी सीमा का विस्तार आरंभ हुआ।
- मुहम्मद तुगलक के राज्य काल में एक विशाल क्षेत्र सैन्य अभियान के अंतर्गत आ चुका था ।
- इन अभियानों में सल्तनत की सेनाओं ने हाथी, घोड़े, गुलाम और मूल्यवान धातुएं अपने कब्जे में ले ली ।
प्रश्न 7. मुक्ति अपने कर्तव्य का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिये कौन कौन से कदम उठाए गए थे? आपके विचार में सुल्तान के आदेशों का उल्लंघन करना चाहने के पीछे उनकी क्या कारण हो सकते थे?
उत्तर– मुक्ति लोगों पर नियंत्रण रखने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए थे –
- मुक्ती लोगों का पद वंशानुगत नहीं था और यह थोड़े-थोड़े समय के लिए दिया जाता जिससे वे शक्तिशाली न हो सके।
- उनका समय समय पर स्थानांतरण कर दिया जाता था।
- नौकरी के नियम को अलाउद्दीन के समय और भी कठोर बना दिया गया था।
- मुक्ती लोगों द्वारा एकत्रित किए गए राजस्व की रकम का हिसाब लेने के लिए राज्य द्वारा लेखाधिकारी नियुक्त किए जाते थे।
- इस बात का भी ध्यान रखा जाता था की मुक्ति राज्य द्वारा निर्धारित कर ही वसूले और तय संख्या को अनुसार सैनिक रखे।
मुक्तियों के विरोधी स्वभाव के कारण –
- उन पर सरकार द्वारा रखा जाने वाला कड़ा नियंत्रण ।
- मुक्ति का कार्य राजा के महल से दूर होने के कारण नियंत्रण रखना मुश्किल था।
- सुल्तानों ने अपनी सत्ता के आगे उन्हें झुकने के लिए बाध्य किया था।
- उनको स्वयं इकट्ठे किए जाने वाले राजस्व में उनको हिस्सा बहुत कम मिलता था है।
- उनके द्वारा की जा रही नौकरी के नियम बहुत कठोर थे।
प्रश्न 8. दिल्ली सल्तनत पर मंगोल आक्रमणों का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर – दिल्ली सल्तनत पर मंगल आक्रमणों के निम्नलिखित प्रभाव पड़े जो इस प्रकार है-
- मंगोल आक्रमण चंगेज खां के नेतृत्व में पश्चिमी सीमा से 1219 ईस्वी में आरंभ किए गए ।
- इन आक्रमणों से विवश होकर अलाउदीन खिलजी तथा मोहम्मद तुगलक ने विशाल स्थानीय सेना के स्थापना की।
- इतनी विशाल सेना को संभालना प्रशासन के लिए भारी चुनौती थी ।
- पश्चिमी सीमा को मजबूती देने की वहाँ पर किले तथा दुर्गा का निर्माण किया गया।
प्रश्न 9. क्या आपकी समझ में तवारीख के लेखक आम जनता के जीवन के बारे में कोई जानकारी देते है?
उत्तर–तवारीख के लेखको की कुछ सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को समझकर अनुमान लगा सकते है की वे आम लोगों के बारे में लिखते थे या नहीं –
- तवारीख के लेखक प्रायः नगरों में रहते थे, गांव में शायद ही कभी रहते हो।
- वो अक्सर अपने इतिहास सुलतानों के लिए, उनसे ढेर सारे इनाम पाने की आशा में लिखते थे ।
- ये लेखक अक्सर शासकों को जन्मसिद्ध अधिकार तथा लिंग भेद पर आधारित आदर्श समाज व्यवस्था बनाए रखने की सलाह देते थे।
- उनके विचारों से बहुत से लोग सहमत नहीं थे। उपरोक्त तथ्यों से अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि ये लोग आम लोगों की अपेक्षा अपनी दानदाताओं पर अधिक लिखते थे।
प्रश्न 10. दिल्ली सल्तनत के इतिहास में रजिया सुल्तान अपने ढंग की एकहीथी। क्या आपको लगता है कि आज महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है?
उत्तर -इसमें कोई शक नहीं है की उस समय रजिया सुल्तान और उसका व्यवहार अपने समय की कोई समस्या नहीं है । उन्हें आज कानूनी तौर पर पुरुषों के साथ सभी प्रकार की समानताएं प्राप्त है। ऐसे ही कुछ उदाहरण निम्नलिखित है-
- पुरुषों के समान उन्हें भी बराबरी का मताधिकार प्राप्त है ।
- उन्हें चुनाव लड़ने तथा नेतृत्व करने का कानूनी अधिकार प्राप्त है।
- स्त्रियों के साथ लिंग भेद के आधार पर भेदभाव करना कानूनी अपराध है।
- स्त्रियों को आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में भी समान अधिकार प्राप्त है ।
प्रश्न 11. दिल्ली के सुल्तान जंगलों में क्यों कटवाना चाहते थे? क्या आज भी जंगल उन्हीं कारणों से काटे जा रहे हैं?
उत्तर- सल्तनकालीन सुल्तान निम्नलिखित कारणों से जंगलों को कटवाना चाहते थे –
- भीतरी क्षेत्रों की स्थिति को अधिक मजबूत करनेके लिए।
- शिकारी संग्राहकों और चरवाहों को उनके प्रयावास से खदेड़ने के लिये ।
- कृषि भूमि का विस्तार करने के लिए।
- कृषि कार्य को प्रोत्साहन देने के लिए।
- व्यापार मार्गों को सुरक्षा के लिए क्योंकि जंगलों में व्यापारियों को माल लूटने का भय सदैव बना रहता था ।
- क्षेत्रीय व्यापार में उन्नति के लिये जंगलों का सफाया किया जा रहा था ।
- इन अभियानों के दौरान गंगा-यमुना के दोआब से जंगलों को साफ किया गया, क्योंकि यह क्षेत्र कृषि कार्य के लिये काफी महत्वपूर्ण था।परंतु आज मानव सिर्फ अपने स्वार्थों के लिए जंगलों की कटाई कर रहा है ।
- रिक्त स्थानों की पूर्ति करें–
- …………………………………………… जैसे क्षेत्र राज्यों के केंद्र बन गए थे।
- दिल्ली महत्वपूर्ण शहर…………………….. वीं शताब्दी में बना।
- दिल्ली सबसे पहले…………………………….. की राजधानी बनी थी।
- तोमरो के काल में……………………………. वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
- दिल्ली सल्तनत की स्थापना………………………… वीं के आरंभ में हुई थी।
- देहलीवाल एक प्रकार के ……………………………. थे ।
- मिनहाज एसिराज ………………….. वीं शताब्दी के इतिहासकार थे।
- दिल्ली की राजगद्दी पर बैठने वाली पहली महिला…………………….. थीं।
- लिंग भेद में ………………………… के साथ पक्षपात किया जाता है।
- तवारीख के लेखक विशेषकर ………………………. में रहते थे।
उत्तर- (1) कावेरी डेल्टा (2) 12 (3) तोमरो (4) दिल्ली (5) 13 (6) सिक्के (7) 13 (8) रजिया सुल्तान (9) स्त्रियों
(10) दिल्ली।
- सत्य असत्य का चयन करें-
- 1165 ईस्वी में तोमर वंश की स्थापना हुई थी।
- कुतुबुद्दीन एबक का शासनकाल 1206 से 1216 तक था।
- कुतुबुद्दीन के बाद बलबन गद्दी पर बैठा।
- बलबन गुलाम वंश से नहीं था।
- रजिया सुल्तान बलबन के बाद गद्दी पर बैठी।
- इल्तुतमिश कुतब्बुद्दीन का उत्तराधिकारी था ।
- कुतुबुद्दीन, इल्तुतमिश और बलबन आरंभ में गुलाम थे ।
- सैय्यद वंश की स्थापना वन फॉर वन फॉर इस वी में हुई थी।
- तुगलक वंश की स्थापना 132 में हुई थी ।
- पी रजिया सुल्तान 1206 ईस्वी में गद्दी पर बैठी थी ।
उत्तर-1. सत्य 2. असत्य 3. असत्य 4. असत्य 5. असत्य6. सत्य 7. सत्य 8. सत्य9.सत्य 10. असत्य
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