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जनजातियां, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
ncert solutions for class 7 history chapter 5
1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ
- (1) गढ़ (क)खेल
- (2) टांडा (ख) चौरासी
- (3) श्रमिक (ग) कारवाँ
- (4) कुल (घ) गढ़ कटंगा
- (5) सिब सिंह (ङ) अहोम राज्य
- (6) दुर्गावती (च) पाइक
उत्तर – (1)-(क), (2)-(ग), (3)- (च), (4)-(ख), (5)-(ङ), (6)-(घ)
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :-
- क. वर्णों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ……………….. कहलाती थीं।
- ख. …………………………… अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियाँ थीं।
- ग. ……………………………… ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।
- घ. बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने ……………………… और …………………… को भूमि-अनुदान दिए।
उत्तर- क. जातियां, ख. बुरंजी, ग. अकबरनामा, घ. कवियों, विद्वानों
3. सही या गलत बताइए ।
- जनजातीय समाजों के पास समृद्ध वाचक परंपराएँ थीं।
- उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाय नहीं था।
- गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिला कर चौरासी बनता था।
- भील, उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे।
उत्तर- i) सही, ii) गलत, iii) गलत, iv) गलत
4. खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच किस तरह का विनिमय होता था?
उत्तर- खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच निम्नलिखित प्रकार का विनिमय होता था-
(1) खानाबदोश चरवाहे अपने जानवरों के उत्पादों पर निर्भर थे। वे दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों के बदले खेतिहरों से अनाज, कपड़े, बर्तन और ऐसी ही अन्य वस्तुएँ लेते थे।
(2) खानाबदोश चरवाहे अपने पशुओं से उत्पादित ऊन, घी के माध्यम से अपनी अन्य जरूरतों को पूरा खेतिहरों से ही करते थे।
(3) खेतिहरों से सामान लेने के बदले वे अपने पशुओं से उनका वजन ढोने वाला कार्य भी करते थे।
(4) वे अपने घुमक्कड़ जीवन में मार्ग से वस्तुएँ खरीद कर पुनः उन्हें खेतिहरों को बेचने का भी काम करते थे। अर्थात वे चलते-फिरते छोटे व्यापारी की भी भूमिका निभाते थे।
5. अहोम राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था?
उत्तर- अहोम राज्य मौजूदा म्यानमार की ब्रहापुत्र घाटी में स्थापित हुआ था। इस राज्य की प्रशासन सम्बन्धी विशेषताएँ निम्नलिखित थीं-
- अहोम राज्य पूरी तरह से बेगार पर निर्भर था, जिसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को कुछ समय के लिए बिना वेतन के अपनी सेवाएँ राज्य को देनी होती थी।
- अहोम राज्य में जनगणना की गई थी। प्रत्येक गाँव को अपनी बारी आने पर निश्चित संख्या में पाइक (बिना वेतन के काम करने वाले) भेजने होते थे।
- जनगणना के बाद सघन आबादी वाले इलाकों से कम आबादी वाले इलाकों में लोगों को स्थानांतरित किया गया था।
- लगभग सभी पुरुषों को युद्ध के दौरान सेना में अपनी सेवाएँ देनी होती थी। दूसरे समय वे सार्वजनिक कार्यों में अपनी सेवाएँ प्रदान करते थे।
- अहोम समाज ‘खेल’ नामक कुलों में विभाजित था।
6. वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए?
उत्तर- वर्ण आधारित समाज में निम्नलिखित परिवर्तन आए जो इस प्रकार है-
- समय के साथ अर्थव्यवस्था और समाज की जरूरतें बढ़ती गई, नये हुनर वाले लोगों की आवश्यकता ने वर्ण व्यवस्था को कमजोर करना शुरू कर दिया था।
- वर्षों के भीतर छोटी-छोटी जातियाँ उभरने लगीं जैसे-ब्राह्मणों 6 बीच नई जातियाँ सामने आई।
- कई जनजातियाँ और सामाजिक समूहों को जाति-विभाजित समाज में शामिल कर लिया गया और उन्हें जातियों का दर्जा दे दिया गया।
- विशेषज्ञता प्राप्त शिल्पियों-सुनार, लोहार, बढ़ई और ग्रामिस्त्रीको भी ब्राह्मणों द्वारा जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई।
- वर्ण की अपेक्षा जाति समाज के संगठन का आधार बनी।
7. एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला?
उत्तर- एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज में निम्नलिखित परिवर्तन हुए, जो इस प्रकार हैं-
- वर्ण आधारित समाज और जनजातीय लोग एक-दूसरे के साथ लगातार सम्पर्क में आने लगे।
- एक राज्य के रूप्पू में स्थापित होने के बाद वे राजनीतिक रूप से शक्तिशाली हो गए।
- उनके शक्तिशाली राजनीतिक स्वरूप को देखते हुए ब्राह्मणों ने उन्हें ऊँची जातियों के रूप में मान्यता देनी आरम्भ कर दी।
- राज्य के रूप में विकसित होने के बाद उन्हें बृहत्तर और अधिक जटिल राज्यों और साम्राज्यों के साथ संघर्ष की स्थिति में ला खड़ा किया।
- अपनी शक्ति के विकास के कारण इन जनजातियों ने जाति-व्यवस्था और सनातनी हिंदू धर्म, दोनों को ही नकार दिया।
- कालांतर में उनमें से कई जनजातियाँ जाति आधारित समाज में शामिल हो गई थीं।
8. क्या बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर- हाँ, बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए उस समय काफी महत्त्वपूर्ण थे। उनकी महत्ता को निम्नलिखित कारणों से समझा जा सकता है, जो इस प्रकार है-
- सुलतान अलाउद्दीन खलजी बंजारों का ही इस्तेमाल नगर के बाजारों तक अनाज की ढुलाई के लिए करता था।
- बादशाह जहाँगीर ने भी अपने संस्मरणों में लिखा है कि बंजारे विभिन्न इलाकों से अपने बैलों पर अनाज ले जाकर शहरों में बेचते थे।
- सैन्य अभियानों के दौरान वे मुगल सेना के लिए खाद्यान्नों की ढुलाई का काम भी करते थे।
- उस काल में विशाल सेना के लिए बंजारों के 10,00,000 बैल अनाज ढोने का काम करते थे।
- बंजारे अपना जीवन घुमक्कड़ पद्धति से व्यतीत करते थे वे मार्ग में आने वाले लोगों के साथ वस्तुओं का लेन-देन भी करते थे।
9. गोंड लोगों के इतिहास, अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था? क्या कोई समानता भी थी?
उत्तर – गोंड लोगों तथा अहोमों के इतिहास में निम्नलिखित अंतर था-
- गोंड पारंपरिक शस्त्रों का प्रयोग करते थे जबकि अहोम राज्य के लोगों ने आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग आरम्भ कर दिया था।
- गोंड राज्य को 1565 में आसिफ खान ने कुचल दिया, जबकि अहोम राज्य को 1591 ई० में मानसिंह ने।
- गोंडों की अर्थव्यवस्था कृषिपर आधारित थी जबकि अहोम राज्य की अर्थव्यवस्था पाइक या बेगार पर आधारित थी।
- गोंड राज्य गढ़ों में विभाजित था जबकि अहोम राज्य कुलों में विभाजित था।
- गोंडों ने हिंदू धर्म का विरोध जारी रखा, जबकि अहोम राज्य के लोगों ने आने वाले समय में हिंदू धर्म को अपना लिया। इन दोनों राज्यों के लोगों का सामाजिक जीवन लगभग एक समान था तथा दोनों को ही विशाल साम्राज्यों का सामना करना पड़ा था।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
- भारतीय उपमहाद्वीप विभिन्न में……………… विभाजित था।
- ब्राह्मणों का आदर बड़े-बड़े भी ……………. करते थे।
- मुगलों के समय श्रेणीबद्ध समाज………………… हो गया था।
- ब्राह्मणों के कर्मकांडों से…………………… सहमत नहीं थी।
- प्रत्येक जनजाति के सदस्य …………….. के बंधन से जुड़े होते थे।
- कई जनजातियाँ …………….. से अपनी जीविका चलाते थे।
- जनजातीय लोग भारत के लगभग……………… क्षेत्र में पाए जाते थे।
- पंजाब की …………………. जनजाति 13वीं शताब्दी में काफी शक्तिशाली थी।
- पंजाब में 14वीं शताब्दी के बाद…………………….. जनजाति महत्त्ववपूर्ण हो गई थी।
- गक्खर लोगों का मुखिया…………….. गक्खर था।
उत्तर- (i) संस्कृतियों, (ii) राजा, (iii) जटिल, (iv) जनजाति, (v) नातेदारी, (vi) कृषि, (vii) प्रत्येक, (viii) खोखर,
(ix) गक्खर, (x) कमाल खान।
सत्य/असत्य का चयन करें-
(i) बलोच उत्तर-पश्चिम में शक्तिशाली जनजाति थी।
(ii) मानसिंह अकबरकालीन मुगल सेना के सेनापति थे।
(iii) मानसिंह ने 1591 ई० में चेरों पर हमला किया था।
(iv) कोली जनजाति कर्नाटक और महाराष्ट्र में रहती थी।
(v) बंजारा लोग सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी-खानाबदोश थे।
(vi) बंजारा लोगों का कारवाँ टांडा कहलाता था।
(vii) हूण, चंदेल और चालुक्य कुछ नई राजपूत जातियाँ थीं।
(viii) गोंड लोग गोंडवाना नामक वनप्रदेश में रहते थे।
(ix) गोंड स्थायी कृषि करते थे।
(x) रानी दुर्गावती ने अकबर का वीरता से सामना किया।
उत्तर- (i) सत्य, (ii) सत्य, (iii) सत्य, (iv) सत्य, (v) सत्य, (vi) सत्य, (vii) सत्य, (viii) सत्य, (ix) असत्य, (x) असत्य ।
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