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कोयला और पेट्रोलियम
CHAPTER – 3
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न
अभ्यास
प्रश्न 1. सी० एन० जी० और एल० पी० जी० का ईंधन के रूप में उपयोग करने का क्या लाभ है ?
उत्तर – सी. एन. जी. (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और एल. पी. जी. (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) का ईंधन के रूप में उपयोग करने के लाभ निम्नलिखित हैं :-
एल० पी० जी० का लाभ – एल० पी० जी० एक अच्छा ईंधन मानी जाती है क्योंकि –
-
- यह जलने पर कम प्रदूषण करती है।
- इससे धुआं नहीं होता, जिससे घर में साफ हवा रहती है।
- यह एक सस्ता ईंधन है तथा खाना पकाने और गाड़ियों के लिए किफायती है।
- यह सिलेंडर में आसानी से मिलती है।
- यह सुरक्षित रूप से स्टोर और ट्रांसपोर्ट होती है।
सी० एन० जी० के लाभ –
-
- यह कम धुआं और हानिकारक गैसें छोड़ती है जिससे प्रदूषण कम होता है।
- यह स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। इससे सांस लेने में दिक्कत नहीं होती।
- यह एक सस्ता ईंधन है तथा पेट्रोल और डीजल से सस्ता पड़ता है।
- यह आसानी से मिल जाता है क्योंकि इसके कई जगहों पर सी. एन. जी. स्टेशन हैं।
- इसमें लीकेज का खतरा कम होता है इसलिए यह सुरक्षित और भरोसेमंद है।
प्रश्न 2. पेट्रोलियम को कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर – बिटुमेन।
प्रश्न 3. वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है ?
उत्तर- मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति
कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा माना जाता है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब और उच्च ताप के कारण, और वायु की अनुपस्थिति में, ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने की इस प्रक्रिया को कार्बनीकरण कहते हैं।
प्रश्न 4. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
- …………… .. तथा ………………….. जीवाश्म ईंधन हैं।
- पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम ……………….. कहलाता है।
- वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन …………… है।
उत्तर- (क) कोयला, पेट्रोलियम (ख) परिष्करण (ग) सी० एन० जी०।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए –
(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (सत्य/असत्य)
(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सी० एन० जी० अधिक प्रदूषक ईंधन है। (सत्य/असत्य)
(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य/असत्य)
(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य/असत्य)
(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (सत्य/असत्य)
उत्तर- (क) असत्य (ख) असत्य (ग) सत्य (घ) सत्य (ङ) असत्य।
प्रश्न 6. समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ?
उत्तर- जीवाश्म ईंधन संजीवों के मृत अवशेषों से बनते हैं और इन्हें बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। प्रकृति में जीवाश्म ईंधन के संसाधन सीमित हैं, इसलिए यह समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।
प्रश्न 7. कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – कोक के अभिलक्षण –
-
- यह कठोर है।
- यह सरंध्र युक्त है।
- इसका रंग काला है।
- यह विद्युत् और ऊष्मा का कुचालक है।
कोक के उपयोग-
-
- कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने के काम आता है।
- एस्टिीलीन गैस बनाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उत्पादन में सहायक है।
- जल-गैस और उत्पादन गैस के उत्पादन में सहायक है।
- जल-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन का समानुपाती मिश्रण है।
- उत्पादन-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन का 12 अनुपाती मिश्रण है। इसे वायु को लाल गर्म कोक से गुजारने पर प्राप्त करते हैं।
- ये धातुएँ जैसे कॉपर, लोहा, जिंक, लैंड, टिन आदि के निष्कर्षण में काम आता है।
- यह एक अच्छा घरेलू ईंधन है क्योंकि यह जलने पर धुआँ नहीं छोड़ता।
प्रश्न 8. पेट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर- पेट्रोलियम का निर्माण –
पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों बाद दाब उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं। प्राकृतिक गैस तेल के ऊपर पाई जाती है।
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