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CHAPTER – 9

क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण

ncert solutions history class 7 chapter 9

1.निम्नलिखित मेल बिठाएं:

(क) अनंतवर्मन                                  (i) केरल

(ख) जगन्नाथ                                     (ii) बंगाल

(ग) महोदयपुरम                              (iii) उड़ीसा

(घ) लीला तिलकम                           (iv) कांगड़ा

(ड.) मंगलकाव्य                               (v) पुरी

(च) लघुचित्र                                     (vi) केरल

उत्तर- (क) (iii).(ख)- (v),(ग)- (i),(घ)- (vi), (ड.)- (ii), (च)- (iv)।

2. मणिः प्रवालम् क्या है ? इस भाषा में लिखी पुस्तक का नाम बताएँ ?

उत्तर- ‘मणिप्रवालम्’ का शाब्दिक अर्थ है – हीरा और मूँगा, यह दो भाषाओं संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ प्रयोग की ओर संकेत करता है। 14वीं शताब्दी का एक ग्रन्थ लीला तिलकम, जो व्याकरण और काव्यशास्त्र विषय पर आधारित है इसको मणिप्रवालम् शैली में लिखा गया था।

3. कत्थक के प्रमुख संरक्षक कौन थे?

उत्तर- कत्थक नृत्य शैली उत्तर भारत के अनेक भागों से आपस में जुड़ी हुई है। कत्थक शब्द ‘कथा’ शब्द से निकला है, जिसका प्रयोग संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में कहानी के लिए किया है। कत्थक मूल रूप से उत्तर भारत के मंदिरों के कथा यानी कहानी सुनाने वालों की एक जाति थी। 15 वीं 16 वीं शताब्दी में भक्ति आन्दोलन के प्रसार के साथ कत्थक, एक विशिष्ट नृत्य शैली का रूप धारण करने लगा। इस शैली को संरक्षण देने वाले निम्नलिखित थे-

  1. मुगल बादशाहों तथा उनके अभिजातों के शासन काल मेंकत्थक नृत्य राजदरबार में प्रस्तुत किया जाता था, जहाँ इस नृत्य ने अपने वर्तमान अभिलक्षण प्राप्त किए।
  2. राजस्थान (जयपुर) के राजदरबारों में भी इसका विकास हुआ।
  3. लखनऊ के नवाबों ने भी इसके विकास तथा संरक्षण में काफी सहयोग किया।
  4. अवध के अंतिम नवाब वाजिदअली शाह के संरक्षण में, यह एक प्रमुख कला के रूप में उभरा।
  5. गणिकाओं (नर्तकी) ने भी अपने नृत्य के माध्यम से इसे आज तक जीवित रखने में सहयोग दिया।

4. बंगाल के मंदिरों की स्थापत्यकला के महत्त्वपूर्ण लक्षण क्या हैं?

उत्तर- बंगाल में 15वीं शताब्दी के बाद आने वाले वर्षों में मंदिर बनाने का दौर विशेष रूप से रहा। इस काल के मंदिरों की स्थापत्यकला के निम्नलिखित लक्षण थे-

  1. इस काल में मंदिर और अन्य धार्मिक भवन अकसर उन व्यक्तियों या समूहों द्वारा बनाए जाते थे, जो शक्तिशाली रूप धारण कर रहे थे।
  2. वे लोग मंदिरों के माध्यम से अपनी शक्ति तथा भक्तिभाव का प्रदर्शन करना चाहते थे।
  3. बंगाल में साधारण ईंटों और मिट्टी-गारे से अनेक मंदिर ‘निम्न’ सामाजिक समूहों जैसे कालू (तेली) कंसरी (घंटा धातु के कारीगर) आदि के समर्थन से बने थे।
  4. इन मंदिरों की शक्ल या आकृति बंगाल की छप्परदार झोपड़ियों की तरह ‘दोचाला’ (दो छतों वाली) या चौचाला (चार छतों वाली) होती थी।
  5. मंदिर प्रायः एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाए जाते थे। उनके भीतरी भाग में कोई सजावट नहीं होती थी। लेकिन मंदिर की बाहरी दीवारें चित्रकारियों, सजावटी टाइलों अथवा मिट्टी की पट्टियों से सजी होती थी।
  6. चौचाला यानी चार छतों वाला, ढाँचे में चार त्रिकोणीय छतें चार दीवारों पर रखी जाती थी जो ऊपर तिर्यक रेखा या एक बिन्दु तक जाती थी।

5. चारण-भाटों ने शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा क्यों की?

उत्तर- राजपूत शूरवीरों की कहानियाँ, काव्यों एवं गीतों में सुरक्षित हैं; जो विशेष रूप से प्रशिक्षित चारण-भाटों द्वारा गाई जाती हैं। इनके द्वारा शूरवीरों की उपलब्धियों की घोषणा निम्नलिखित कारणों से की गई-

  1. ये काव्य एंव गीत ऐसे शूरवीरा की स्मृति को सुरक्षित रखते थे और उनसे आशा की जाती थी कि वे अन्य जनों को भी उन शूरवीरों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगे।
  2. जनसाधारण में इन शूरवीरों की वीरता को पहुँचाने के लिए भी इनकी उपलब्धियों की घोषणा की गई।
  3. इन कहानियों में अकसर नाटकीय स्थितियों और स्वामीभक्त, मित्रता, प्रेम, शौर्य, क्रोध आदि प्रबल संवेगों का चित्रण होता था।

6. हम जनसाधारण की तुलना में शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के बारे में बहुत अधिक क्यों जानते हैं?

उत्तर- जनसाधारण की तुलना में निम्नलिखित कारणों से शासकों के बारे में अधिक जानते हैं-

  1. शासकों के दरबारों में कवि और लेखक आश्रय पाते थे. और उसके बदले शासकों का इतिहास और उपलब्धियाँ लिखा करते थे।
  2. शासक अपने यश और भक्ति-भाव को दर्शाने के लिए प्रायः अपने नामों से मिलते जुलते मंदिरों का निर्माण करवाते थे तथा उन मंदिरों की दीवारों पर अपना तथा अपने वंश का इतिहास लिखवाते थे।
  3. शासक अपने सरकारी नियमों या आज्ञापत्रों को अभिलेख या ताम्रपत्रों के माध्यम से जनता तक पहुँचाते थे, जो आज भी सुरक्षित हैं।
  4. बाहर से आने वाले विदेशी यात्री भी राजा से सम्बन्धितइतिहास ही अधिक लिखते थे।
  5. कुछ शासक अपने स्वयं के जीवन पर आधारित आत्मकथाभी लिखते थे।
  6. सबसे महत्त्वपूर्ण कारण यह था कि शासकों से सम्बन्धित इतिहास को सुरक्षित रखा जाता था।

7. विजेताओं ने पुरी स्थित जगन्नाथा के मंदिर पर नियन्त्रणप्राप्त करने के प्रयत्न क्यों किए?

उत्तर- विजेताओं ने निम्नलिखित कारणों से इस मंदिर पर नियन्त्रण करना चाहा-

  1. जैसे-जैसे इस मंदिर को तीर्थस्थल यानी तीर्थ यात्रा के केंन्द्र के रूप में महत्त्व प्राप्त होता गया, सामाजिक तथा राजनैतिक मामलों में भी इसकी सत्ता बढ़ती गई।
  2. जिन्होंने भी उड़ीसा को जीता, जैसे-मुगल, मराठे और अंग्रेज ईस्ट इंडिया कम्पनी, सबने इस मंदिर पर नियन्त्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। वे सब यह महसूस करते थे कि मंदिर पर नियन्त्रण प्राप्त करने से स्थानीय जनता में उनका शासन स्वीकार्य जो जाएगा।

8. बंगाल में मंदिर क्यों बनवाए गए?

उत्तर- बंगाल में मंदिरों को निम्नलिखित कारणों से बनवाया गया था। जो इस प्रकार है-

  1. मंदिरों के माध्यम से अपनी शक्ति तथा भक्ति-भाव का प्रदर्शन करने के लिए उन लोगों द्वारा ये मंदिर बनवाए जा रहे थे, जो धीरे-धीरे धन सम्पन्न तथा शक्तिशाली हो रहे थे।
  2. यूरोप की व्यापारिक कंपनियों के आ जाने से नए आर्थिक अवसर पैदा हुए। इन सामाजिक समूहों से संबंधित अनेकपरिवारों ने इन अवसरों का लाभ उठाया। जैसे-जैसे लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधरती गई, उन्होंने मंदिरों के निर्माण के माध्यम से अपनी प्रस्थिति या प्रतिष्ठा को दिखाना चाहा।
  3. वह काल भक्ति का काल था, इसलिए शासक लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए अधिक से अधिक मंदिर बनवाते थे।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

  1. 1739 ई० में भारत पर …………………. नेआक्रमण किया था।
  2. नादिरशाह ने …………………… में कत्ले आम किया था।
  3. पती के साथ जिंदा जलने वाली महिलाको…………………. जाता था।
  4. सती प्रथा …………………. में अधिक प्रचलित थी।
  5. बंगाली …………………. भाषा से निकली मानी जाती है।
  6. बंगाली के प्रारंभिक साहित्य………………. श्रेणियों में बँटे हुए थे।
  7. पीर……………….. भाषा का शब्द है।
  8. आध्यात्मिक मार्गदर्शक को …………………. कहा जाता था।
  9. पेड़-पौधों में भी जीवन मानना …………….. कहलाता है।
  10. घंटा धातु के कारीगर को ……………. कहा जाता था।

उत्तर-(i) नादिरशाह (ii) दिल्ली (iii) सती (iv) राजपूतों (v) संस्कृत (vi) दो (vii) फारसी (viii) पीर (ix) जीववाद (x) कंसरी।

 

  • सत्य/असत्य का चयन करें-
  1. लोगों का वर्णन सामान्यतः उनकी बोलचाल की भाषा से होता है।
  2. तमिल भाषा तमिलनाडु के लोगों का अहसास कराती है।
  3. उपमहाद्वीप के अन्य भागों ने मिलकर एक-दूसरे को सम्पन्न बनाया है।
  4. महोदयपुरम आधुनिक केरल का एक क्षेत्र था।
  5. मलयालम भाषा का विकास महोद्यपुरम के समय में ही हुआ।
  6. लीला तिलकम 14वीं शताब्दी का एक ग्रन्थ है।
  7. मणिप्रवालम का शाब्दिक अर्थ हीरा और मूँगा है।
  8. जगन्नाथ विष्णु का पर्यायवाची है।
  9. राजपूत बहुल क्षेत्र को राजपूताना कहा जाता है।
  10. वीर योद्धाओं को राजपूत शूरवीर कहा जाता था।

उत्तर- (i) सत्य, (ii) सत्य, (iii) सत्य, (iv) सत्य, (v) सत्य, (vi) सत्य, (vii) सत्य, (viii) सत्य, (ix) सत्य, (x) सत्य।

 

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